Monday, February 6, 2017

स्वदेशी बनो विदेशी नहीं।

॥ शङ्का समाधान ॥
लोगो का रोना है कि अपने देश में निर्मित उत्पाद विदेशी उत्पादों से उत्तम नहीं होते अतः हम लोग विदेशी उत्पाद ही खरीदते हैं ।
उत्तर:- अरे भाई विदेशी उत्पाद को उत्तम किसने बनाया ? 
उनके अपने लोगो ने अपने देश में निर्मित उत्पाद खरीदते रहे और उत्पादक को समय मिलता रहा अपने उत्पाद को उत्तम से अति उत्तम बनाने का और उनके उत्पाद इतने उत्तम हो गए हैं कि आज अपने देश में तो बिक्री हो ही रही है और विदेशो में भी बिक्री होने लगी हैं।
क्या यही बात हम पर भी लागू नहीं होती ?
यह उत्तम उदाहरण है हमारे लिए, हमें भी उनके जैसा ही करना चाहिए अपने देश के स्वदेशी उत्पादों को इतना सहयोग करना चाहिए कि वे विदेशो से भी सहयोग पाने लगे।............ विचार करें ।
एक और बात...... कुछ लोग देश भक्त तो है किन्तु अंग्रेजी में देश भक्ति करतें हैं यदि आपकी देशी भक्ति अंग्रेजी भाषा में है तो आप देश भक्त कैसे हुए ? आप तो विदेश भक्त हुए न ?
जरा सोचिये क्या यह संभव है कि हमें भूख लगी हो और बस भोजन का नाम मात्र लेने से भूख मिट जाये ? यदि किसी के लिए यह संभव है तो कृपया अपने हिस्से का भोजन किसी भूखे व्यक्ति को अवश्य दान करें और अपना पेट भीं भीं प्रकार के व्यंजनों को समरण कर भर लिया करें.....।
अंग्रेजी हमें विदेशी बनाएगी और हिंदी स्वदेशी, तब जा के आप देश भक्त कहलाओगे।
स्वदेशी बनो विदेशी नहीं।
प्रस्तुति :- आर्य्य रूद्र

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